कैसा मंज़र आया है, करोना काल में.. मरने के बाद भी खुद को जला ने के लिए भी कतार लगानी पड़ रही है!
तुषार सीताराम बागडे
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फरीश्ता बंगलुरू में रहने वाले अग्निहोत्री दाम्पत्य अपनी पुश्तैनी मकान में रहते थे! दोनों ही बहुत ही अच्छे स...