जिवन एक कतार

ज़िंदा थे तो जिवनभर कतार में खड़े रहे! कभी रेल्वे स्टेशन पर तिकीट निकाल ने के लिए, तो कभी बिजली का बिल भरने के लिए, तो कभी पासपोर्ट ऑफिस में..उम्र कट गयी जिवनभर कतार में खड़ा रह कर‌.
कैसा मंज़र आया है, करोना काल में.. मरने के बाद भी खुद को जला ने के लिए भी कतार लगानी पड़ रही है!

तुषार सीताराम बागडे
मोबाइल: ९८२०७१८०७९
Email: ttush555@gmail.com

No comments:

Post a Comment

फरीश्ता

                                फरीश्ता  बंगलुरू में रहने वाले अग्निहोत्री दाम्पत्य अपनी पुश्तैनी मकान में रहते थे! दोनों ही बहुत ही अच्छे स...